चाणक्य नीति दर्पण (स्वामी जगदीश्वरानंद सरस्वती)-Chanakya Niti Darpan by Swami Jagdishwaranand Saraswati
₹200.00
स्वामी जगदीश्वरानंद जी द्वारा चाणक्यनीति दर्पण ग्रंथ का हिंदी अनुवाद पढ़ने को मिला । चाणक्य का नाम भारतीय साहित्य में राजनीति के लिए भी प्रसिद्ध है । परंतु प्रस्तुत ग्रंथ में व्यवहार नीति का वर्णन अधिक है । राजनीति का नहीं । यही कारण है कि जन - साधारण के लिए अपने जीवन मे किस तरह व्यवहार करना चाहिए इसके लिये यह ग्रंथ अत्यंत महत्वपूर्ण है । पुस्तक इतनी हृदयग्राही है कि पढ़ते - पढ़ते छोड़ने का मन नहीं करता । इसमें केवल चाणक्यनीति के श्लोक ही नहीं दिए गए , जगह - जगह उस विचार को पुष्ट करने वाले अन्य ग्रंथों के भी श्लोक दिए गए हैं , जो पाठाक की रुचि को बनाये रखते हैं । एक प्रकार से जीवन का पथ प्रदर्शन करनेवाले मुहावरों से युक्त इस पुस्तक का प्रत्येक श्लोक जीवन को कोई दिशा देता है । स्वामी जगदीश्वरानंद वैदिक एवं संस्कृत साहित्य के अगाध पंडित हैं और उनका यह पांडित्य पुस्तक के प्रत्येक पृष्ठ और प्रत्येक पृष्ठ के प्रत्येक श्लोक में झलकता है । यह एक तरह से सुभाषितों का विषकोश है । - सत्यव्रत सिद्धांतलंकार
Commentary by Swami Jagdishwaranand , Ancient Indian code of moral conduct deals with the issues of ethics , wisdom , and policy in individual , social and political life . The distinct features of this edition are accurate Sanskrit text , meaning of each word of every shloka , gist of each shloka , deliberations supported by Vedas , Upnishads , Shastras , Ramayana , Mahabharat , Purans , etc. , indexes of shlokas for reference .
स्वामी जगदीश्वरानंद जी द्वारा चाणक्यनीति दर्पण ग्रंथ का हिंदी अनुवाद पढ़ने को मिला । चाणक्य का नाम भारतीय साहित्य में राजनीति के लिए भी प्रसिद्ध है । परंतु प्रस्तुत ग्रंथ में व्यवहार नीति का वर्णन अधिक है । राजनीति का नहीं । यही कारण है कि जन – साधारण के लिए अपने जीवन मे किस तरह व्यवहार करना चाहिए इसके लिये यह ग्रंथ अत्यंत महत्वपूर्ण है । पुस्तक इतनी हृदयग्राही है कि पढ़ते – पढ़ते छोड़ने का मन नहीं करता । इसमें केवल चाणक्यनीति के श्लोक ही नहीं दिए गए , जगह – जगह उस विचार को पुष्ट करने वाले अन्य ग्रंथों के भी श्लोक दिए गए हैं , जो पाठाक की रुचि को बनाये रखते हैं । एक प्रकार से जीवन का पथ प्रदर्शन करनेवाले मुहावरों से युक्त इस पुस्तक का प्रत्येक श्लोक जीवन को कोई दिशा देता है । स्वामी जगदीश्वरानंद वैदिक एवं संस्कृत साहित्य के अगाध पंडित हैं और उनका यह पांडित्य पुस्तक के प्रत्येक पृष्ठ और प्रत्येक पृष्ठ के प्रत्येक श्लोक में झलकता है । यह एक तरह से सुभाषितों का विषकोश है । – सत्यव्रत सिद्धांतलंकार
Commentary by Swami Jagdishwaranand , Ancient Indian code of moral conduct deals with the issues of ethics , wisdom , and policy in individual , social and political life . The distinct features of this edition are accurate Sanskrit text , meaning of each word of every shloka , gist of each shloka , deliberations supported by Vedas , Upnishads , Shastras , Ramayana , Mahabharat , Purans , etc. , indexes of shlokas for reference .
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Weight | 0.28 kg |
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