आर्यसमाज के दस नियमों की व्याख्या (Aryasamaj Ke Das Niyamon Ki Vyakhaya)
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सत्य पर आधारित एक सर्वभौम आर्यसंगठन का नाम आर्यसमाज है । आर्यसमाज का धर्म वेद है । वैदिक सिद्धान्तों की विस्तृत व्याख्या महर्षि दयानन्दरचित ग्रन्थों में और उन सिद्धान्तों का संक्षेप ‘ स्वमन्तव्यामन्तव्यप्रकाश ‘ में दिया गया है और उसका भी सार आर्यसमाज के नियमों में है । यह सभी नियम बहुत तर्कपूर्ण हैं ।
आर्यसमाजों के साप्ताहिक सत्संग में शान्तिपाठ से पूर्व आर्यसमाज के नियमों का सम्मिलित पाठ किया जाता है । इसके अतिरिक्त अनेक आर्यशिक्षण संस्थाओं में छात्रों को ये नियम कण्ठस्थ कराये जाते हैं । इस प्रकार आर्यजनों में इन नियमों का व्यापक प्रचार है । इन नियमों की भावना और सिद्धान्तों को सही प्रकार से समझ सकें , इस उद्देश्य से प्रस्तुत पुस्तक में नियमों की सरल व्याख्या करने का प्रयास किया है । आशा है स्वाध्यायशील आर्यजन इस प्रयास से लाभान्वित होंगे ।
सत्य पर आधारित एक सर्वभौम आर्यसंगठन का नाम आर्यसमाज है । आर्यसमाज का धर्म वेद है । वैदिक सिद्धान्तों की विस्तृत व्याख्या महर्षि दयानन्दरचित ग्रन्थों में और उन सिद्धान्तों का संक्षेप ‘ स्वमन्तव्यामन्तव्यप्रकाश ‘ में दिया गया है और उसका भी सार आर्यसमाज के नियमों में है । यह सभी नियम बहुत तर्कपूर्ण हैं ।
आर्यसमाजों के साप्ताहिक सत्संग में शान्तिपाठ से पूर्व आर्यसमाज के नियमों का सम्मिलित पाठ किया जाता है । इसके अतिरिक्त अनेक आर्यशिक्षण संस्थाओं में छात्रों को ये नियम कण्ठस्थ कराये जाते हैं । इस प्रकार आर्यजनों में इन नियमों का व्यापक प्रचार है । इन नियमों की भावना और सिद्धान्तों को सही प्रकार से समझ सकें , इस उद्देश्य से प्रस्तुत पुस्तक में नियमों की सरल व्याख्या करने का प्रयास किया है । आशा है स्वाध्यायशील आर्यजन इस प्रयास से लाभान्वित होंगे ।
Additional information
Weight | 0.08 kg |
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Dimensions | 17.78 × 12.7 cm |
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